प्रेम,असामाजिकता,बाज़ारवाद,कैंसर,मृत्यु और अतंतः इन सबके बीच स्वयं और अपने परिवार को सशक्त बनाने की ... प्रेम,असामाजिकता,बाज़ारवाद,कैंसर,मृत्यु और अतंतः इन सबके बीच स्वयं और अपने परिवा...
कैंसर और अकेलेपन की गाँठ... कैंसर और अकेलेपन की गाँठ...
इसके मां-बाप इसे रोकते नहीं है इसके मां-बाप इसे रोकते नहीं है
‘रिश्तों का मान ? रिश्तों का मान रखने की बात करती हो। क्या तुम जानती नहीं हो तुम्हारा मान क्या मायने... ‘रिश्तों का मान ? रिश्तों का मान रखने की बात करती हो। क्या तुम जानती नहीं हो तुम...
मगर शायद तुम्हारे जोग संजोग हमारे घर में थे तो तुम से भैया की शादी हो गई मगर शायद तुम्हारे जोग संजोग हमारे घर में थे तो तुम से भैया की शादी हो गई
गुरुकुल में बाबूजी के अनुभव की रोचक कहानी .. १९४७ की गुरुकुल में बाबूजी के अनुभव की रोचक कहानी .. १९४७ की